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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 9 Aug 2022 6:00 am IST

नेशनल

भारत में जलवायु परिवर्तन ने बदला मौसम विभाग का गणित, पूर्वानुमान में आ रही हैं मुश्किलें...


भारत में जलवायु परिवर्तन ने मौसम विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी है। जलवायु परिवर्तन के कारण पूर्वानुमान में मुश्किलें आ रही हैं। 

हालांकि, अनुमान सुधारने के लिए मौसम विभाग अब ज्यादातर रडार और उच्च क्षमता की कंप्यूटिंग प्रणाली पर निर्भर हो गया है। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा का कहना है कि, भारत में पंचायत और शहरों में 1-1 किमी जितने क्षेत्र के लिए मौसम का पूर्वानुमान 2025 तक संभव हो जाएगा। 

विभाग अभी 12 किमी क्षेत्र का पूर्वानुमान मॉडल देता है, इसे 6 किमी और क्षेत्रीय स्तर पर 1 किमी किया जाएगा। हालांकि, जलवायु परिवर्तन से वातावरण में अस्थिरता पायी गयी। भारी बारिश, तूफानी मौसम और बिजली गिरने जैसी घटनाओं में इजाफा हुआ है। अरब सागर से तूफान, पहाड़ों में 1 घंटे में 5 सेमी से ज्यादा बारिश यानी बादल फटना आदि भी बढ़े हैं।

देश में औसत बारिश पर बड़ा असर नहीं हुआ, लेकिन पूर्व, उत्तर और पूर्वोत्तर हिस्सों में यह घटी है। वहीं पश्चिमी राजस्थान में बढ़ रही है। फिलहाल, चक्रवातों की सही जानकारी के लिए विश्व की कई एजेंसियां भारत को सराहना कर रही हैं।