उत्तरकाशी : विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान ने सरस्वती शिशु मंदिर भेल सेक्टर दो में गोष्ठी का आयोजन किया। शिशु शिक्षा समिति के प्रदेश निरीक्षक सत्यप्रसाद बंगवाल ने परिषद के महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. महावीर अग्रवाल ने कहा कि भारतीय संस्कारों पर आधारित शिक्षा आज देश की पहली आवश्यकता है।गुरुकुल कांगड़ी विवि के प्रो. डॉ. प्रेमचंद शास्त्री ने कहा कि हमारी शिक्षा वसुधैव कुटुंबकम की भावना रखने वाली है। इसमें चार आश्रम होते हैं जिनमें विद्यार्थी जीवन सबसे महत्वपूर्ण है। जुगल किशोर ने कहा कि शिक्षा की कोई सीमा नहीं है। शिक्षा को किसी भी पाठ्यक्रम में बांटा नहीं जा सकता। आचार्यों को विद्यार्थी के गुणों को चुनना चाहिए। डॉ. रजनीकांत शुक्ला ने कहा कि विद्या भारती के स्कूलों में शिक्षा के साथ देशभक्ति की शिक्षा भी दी जाती है।