अगर सपनों को उड़ान देनी है तो बहुत से समस्याओं को पीछे छोड़ना पड़ता है, फिर चाहे वह घर की आर्थिक समस्या हो या और कुछ। बिहार के सीतामढ़ी की रहने वाली प्रियंका ने भी कुछ ऐसा ही किया। प्रियंका में भी कुछ करने का जज्बा था तभी तो कठिन परिश्रम कर उन्होंने वह मुकाम को हासिल लिया जो आमतौर पर कम ही लोगों को मिल पाता है। जी हां चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा पास करते ही प्रियंका को इंडियन बैंक ने कॉरपोरेट मैनेजर का पद ऑफर कर दिया है। प्रियंका उन हजारों युवतियों और छात्राओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है, जो आर्थिक समस्याओं की वजह से अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती हैं।
प्रियंका को इस मुकाम तक पहुंचने में कई बार गंभीर आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ा। उनके पिता की आमदनी उतनी नहीं थी कि वे अपनी बेटी लंबी उड़ान में 'पंख' बन सकें। हालांकि पिता और भाइयों से जितना बन पड़ा उन्होंने प्रियंका को आर्थिक मदद दी साथ ही हौसला आफजाई भी खूब की। प्रियंका सीतामढ़ी के बैरगनिया प्रखंड की पहली लड़की/महिला हैं जिन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट का एक्जाम पास किया। प्रियंका सीतामढ़ी जिले के बैरगनिया नगर पंचायत के अशोगी गांव के जीवछ प्रसाद साह की इकलौती बेटी हैं।
जीवछ प्रसाद पटेल चौक पर चाय की दुकान लगाते हैं और उसी से परिवार का खर्चा चलाते हैं। उनके दो बेटे और एक बेटी प्रियंका है। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से छोटे बेटे की पढ़ाई बीच में ही छूट गई लेकिन पिता और दोनों भाइयों ने प्रियंका की पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने आर्थिक तंगी झेलते हुए भी प्रियंका को पढ़ाया। परिवार के हालात से वाकिफ प्रियंका भी अपने लक्ष्य से नहीं भटकी और कड़ी मेहनत करके चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा पास की।