जामतारा का नाम तो लगभग हर किसी ने सुना होगा। इस पर वेब सीरीज भी बन चुकी है, लेकिन यह कहानी उस वेबसीरीज की नहीं है बल्कि उससे एक दम अलग है। यहां बात होने जा रही है एक अफसर बिटिया की जो जामतारा की रहने वाली है। अगर कोई तरुणी पांडे से एक दशक पहले पूछता कि वह क्या करना चाहती हैं तो शायद वह कहती कि वह डॉक्टर बनना चाहती हैं। उस वक्त सिविल सेवक बनना उनकी लिस्ट में शामिल नहीं था। तरुणी डॉक्टर बनना चाहती थी और कहती हैं कि वह 'डॉक्टर तरुणी पांडे' के रूप में साइन करना चाहती थी लेकिन, आज वे यूपीएससी क्लियर कर चुकी हैं और आईएएस अफसर हैं।
32 साल की तरुणी चित्तरंजन, पश्चिम बंगाल में पली-बढ़ी और अपनी स्कूली शिक्षा झारखंड के जामतारा से कंप्लीट की है। तरुणी ने सीएसई मेन्स 2021 में कंसोलिडेटेड रिजर्व लिस्ट में 14 वीं रैंक हासिल की। उनकी ये सफलता और भी खास इसलिए बन जाती है क्योंकि उन्होंने बिना किसी कोचिंग क्लास में हिस्सा लिए ये सक्सेज पाईं है। तरुणी कहती हैं बचपन से, मैंने कभी भी कोचिंग क्लास नहीं ली, यहां तक कि अपनी बोर्ड परीक्षा के लिए भी नहीं। मैंने हमेशा सेल्फ स्टडी पर भरोसा किया, जब मैंने परीक्षा दी तब भी मुझे फिर से COVID हो गया, मैंने निमोनिया के साथ यूपीएससी का एग्जाम दिया था। तरुणी कहती हैं कि उन्होंने खुद से नोट्स तैयार किए और उसके लिए सिर्फ यूट्यूब वीडियो देखे।
वे कहती हैं कि प्री एक्जाम के लिए उन्होंने केवल चार महीने ही पढ़ाई की थी। उनका कहना है कि मैं ईमानदारी से मानती हूं कि सामान्य परिस्थितियों में एक व्यक्ति को कम से कम दो साल तक यूपीएससी की तैयारी करनी चाहिए, चूंकि मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था, इसलिए मुझे परीक्षा पास करने के लिए एक बहुत स्मार्ट स्ट्रेटजी डिवेलप करनी पड़ी।' उन्होंने कहा- मैंने YouTube वीडियो देखकर अपने नोट्स तैयार किए, मैं जनरल किताबों से नहीं पढ़ती थी क्योंकि मेरे पास समय ही नहीं था, उन्होंने गलत जवाबों को खत्म करने की सटीक रणनीति बनाई और उस पर काम किया।