चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत होने वाले कार्यों से पहले स्नो एंड एवलांच स्टडी स्टेबलिशमेंट (सासे) के वैज्ञानिकों की टीम ने धाम में स्थितियों का जायजा लिया। टीम ने यहां भविष्य में होने वाले कार्यों के कारण होने वाले हिमस्खलन की स्थिति जानी। वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के आधार पर ही धाम में मास्टर प्लान के तहत निर्माण कार्य होंगे।बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है, जिसके तहत धाम में कई कार्य होने हैं। धाम में भविष्य में मास्टर प्लान के तहत होने वाले कार्यों के तहत यहां भूस्खलन होगा या निर्माण कार्य कितने सुरक्षित रहेंगे, सुरक्षा के क्या उपाय किए जा सकते हैं इसकी स्थिति जानने के लिए बृहस्पतिवार को सासे के तीन वैज्ञानिक बदरीनाथ धाम पहुंचे। जोशीमठ की एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि वैज्ञानिकों ने धाम में अलकनंदा, शेषनेत्र झील, नर व नारायण पर्वत की तलहटी का निरीक्षण किया। बदरीनाथ धाम के आसपास की हर तरफ की फोटो ली गई और डाटा एकत्रित किया गया। इसके बाद वैज्ञानिकों की टीम रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपेगी। इस दौरान लोनिवि के इंजीनियर भी मौजूद रहे।