कहते हैं जब जेब में कौड़ी न हो तो अकड़ जेब में रखनी चाहिए पाकिस्तान को शायद ये बात देर से ही सही लेकिन समझ में आ गयी है।
दरअसल, पाकिस्तान सरकार ने देश को दिवालिया होने से बचने के लिए आखिरकार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के सामने झुकने ही उचित समझा। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने आईएमएफ ने निर्धारित मांगों को पूरा करने के लिए सर्वसम्मति से एक धन विधेयक पारित किया।
बता दें कि, अगर पाकिस्तान आईएमएफ की शर्तों को पूरा कर देता है तो उसे लगभग 8800 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा प्राप्त हो जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त विधेयक 2023 जिसे पाकिस्तान का मिनी बजट कहा जा रहा है उसे संसद के निचले सदन में मंजूरी दे दी गई। पाक सरकार को यह कदम कर्ज पुनर्गठन के लिए उठाना पड़ा है।