देहरादून: जेलों में बंद अपराधियों की ओर से जिस तरह रंगदारी, फिरौती व तस्करी की घटनाओं को नेटवर्क के जरिये अंजाम दिया जा रहा है, उससे जेल प्रशासन की चुनौतियां बढ़ गई हैं। उत्तराखंड की जेलों में बंद पश्चिमी उप्र के बदमाश जेल से ही अपना नेटवर्क चला रहे हैं। इनमें कुख्यात कलीम व पौड़ी जेल में बंद नरेंद्र वाल्मीकि का नाम सामने आ चुका है। पिछले महीने उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने जेल में बंद बदमाश कलीम के रंगदारी मांगने का पर्दाफाश किया था। जेलों की सुरक्षा चाकचौबंद रखने की योजनाएं बनाई जा रही है, लेकिन यह फाइलों तक सीमित होकर रह गई हैं। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस को जिन जेलों से नेटवर्क संचालित होने की सूचना मिल रही है, वहां पर कार्रवाई की जा रही है।