आज महासागरों के वैज्ञानिक अध्ययन और चक्रवातों पर नजर रखने के लिए भारत तीसरी पीढ़ी के ओशियन-सैट का प्रक्षेपण किया जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो का लोकप्रिय रॉकेट पीएसएलवी-सी54 इसे आठ अन्य नैनो उपग्रहों के साथ पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा। इस मिशन के लिए उल्टी गिनती शुरू कर दी गई है। यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रस्तावित है।
बताते चलें कि, 44.4 मीटर ऊंचे रॉकेट का यह पीएसएलवी-एक्सएल प्रारूप है, जिसमें 321 टन लिफ्ट ऑफ मास यानी खुद रॉकेट, बूस्टर, प्रोपेलेंट, उपग्रह व उपकरणों को अंतरिक्ष में ले जाने की क्षमता है। रॉकेट की यह 24वीं उड़ान होगी।