देश में मौजूदा कोविड की स्थिति के कारण, जम्मू और कश्मीर सरकार ने वार्षिक अमरनाथ यात्रा को रद्द करने का फैसला किया. शाइन बोर्ड ने कहा कि पवित्र गुफा पर सभी पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान पहले की ही तरह किए जाएंगे. इस फैसले की घोषणा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्राइन बोर्ड के साथ चर्चा के बाद की. हालाँकि, भक्तों के लिए “आरती” की सुविधा ऑनलाइन दी जाएगी.
गौरतलब है कि ये लगातार दूसरा साल है जब कोरोना महामारी के चलते अमरनाथ यात्रा को रद्द करना पड़ा है. उन्होंने अधिकारियों को ऐसी तैयारियां करने के निर्देश दिए, जिससे श्रद्धालु गुफा मंदिर में होने वाली सुबह और शाम की आरती में डिजिटल तरीके से शामिल हो सकें. यहां कोविड से संबधित सभी नए अपडेट पढ़ें सिन्हा ने कहा कि इससे वे शिवलिंग के दर्शन कर सकेंगे और यात्रा से और संक्रमण की चपेट में आने से भी बच सकेंगे. उन्होंने कहा कि सभी परंपरागत धार्मिक अनुष्ठान पहले की ही तरह होंगे. अधिकारियों ने बताया कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सदस्यों के साथ विचार विमर्श के बाद धार्मिक कार्यक्रम को सांकेतिक रखने का निर्णय लिया गया. इससे पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को कहा था.
सरकार जल्द ही वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा आयोजित करने पर फैसला करेगी, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि लोगों की जान बचाना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. गौरतलब है कि हिमालय के ऊंचाई वाले हिस्से में 3,880 मीटर ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव के गुफा मंदिर के लिए 56-दिवसीय यात्रा पहले 28 जून को पहलगाम और बालटाल मार्गों से शुरू होनी थी और यह यात्रा 22 अगस्त को समाप्त होनी थी लेकिन अब इसे रद्द कर दिया गया है. वर्ष 2020 में भी महामारी के कारण तीर्थयात्रा रद्द कर दी गई थी.