भारतीय किसान यूनियन के युवा नेता गौरव टिकैत ने कहा कि युवा, बुजुर्ग किसान और महिलाओं के एकजुट होकर आंदोलन में भागीदारी से आज किसानों को अपने हक की लड़ाई में कामयाबी मिली।
'वाहे गुरु जी द खालसा वाहे गुरु जी दी फतेह'
उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश के राज्य प्रभारी बलजिंदर सिंह मान ने कहा कि 13 महीने बॉर्डर पर बैठकर आंदोलन किया गया। इसमें 750 से अधिक किसान शहीद हुए। आज उन्हीं के बलिदान और किसानों के आंदोलन की वजह से देश की अहंकारी सत्ता को तीनों काले कृषि कानून वापस लेने पड़े। इस दौरान अरदास भी की गई और 'वाहे गुरु जी द खालसा वाहे गुरु जी दी फतेह' के उद्घोष भी लगे।