हरिद्वार। दशहरे पर संतों ने शस्त्र पर असत्य की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व पर अखाड़ों में शस्त्रों का पूजन किया गया। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज के सानिध्य में संतों ने शस्त्रों का पूजन किया गया। विद्वान पंडितों ने मंत्रोचार के बीच शस्त्र पूजन संपन्न कराया। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि आदि जगद्गुरु शंकराचार्य ने राष्ट्र की रक्षा के लिए शास्त्र और शस्त्र की परंपरा की स्थापना की थी। दशहरे के दिन दशहरे के अवसर पर अखाड़े के देवताओं और शस्त्रों की पूजा की जाती है। श्रीमहंत रामरतन गिरी ने कहा कि शस्त्र पूजन की परंपरा आदि अनादिकाल से चली आ रही है। ढाई हजार वर्ष से चली आ रही परंपरा का पालन करते हुए दशनामी संन्यासी परंपरा से जुड़े नागा संन्यासी अखाड़ों में शस्त्र पूजन करते हैं। शस्त्र पूजन के दौरान उपस्थित श्रीमहंत राधे गिरी, महंत नरेश गिरी, कारोबारी राजेंद्र भारती, कारोबारी रतन गिरी आदि अखाड़े के कई संत रहे मौजूद रहे।