पाकिस्तान अपने अस्तित्व के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। हालात ये है कि, पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया है और उसकी डूबती अर्थव्यवस्था को सिर्फ कर्ज ही बचा सकता है।
पाकिस्तान की सरकार बीते दिनों आईएमएफ से कर्ज पाने के लिए बातचीत कर रही थी लेकिन आईएमएफ की शर्तों को पाकिस्तान की सरकार ने मानने से इनकार कर दिया और यह डील अटक गई। अब पाकिस्तानी मीडिया की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि, पाकिस्तान की आईएमएफ के साथ डील अटकने की वजह क्या थी।
रिपोर्ट की मानें तो इंटरनेशनल मोनेटरी फंड की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जेवा ने बीते दिनों म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस से इतर एक जर्मन ब्रॉडकास्टर के साथ बातचीत में कहा था कि, हमने पाकिस्तान की सरकार से ऐसे कदम उठाने के लिए कहा था, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था सही से काम कर सके और उसे अपने कर्ज को पुनर्गठित करने की जरूरत ना पड़े।
जॉर्जेवा ने सलाह दी कि, पाकिस्तानी सरकार को सरकारी और निजी वर्ग के उन लोगों पर टैक्स लगाने की जरूरत है जिनकी कमाई ज्यादा है और गरीब वर्ग को सब्सिडी देनी चाहिए।