देश के तमाम युवा आईएएस अफसर बनने का सपना देखते हैं और इसके लिए वे तैयारी भी शुरू करते हैं लेकिन सफलता सबको नहीं मिल पाती हैं। आज हम एक ऐसी अफसर का किस्सा बताने जा रहे हैं जो संस्कृत स्कूल के प्रिंसिपल की बेटी है और 14 घंटे की डेली नौकरी करते हुए यूपीएससी की तैयारी की। हम बात कर रहे हैं डॉक्टर और IAS अक्षिता गुप्ता की। अंबाला जिले के बराड़ा शहर की रहने वाली डॉ. अक्षिता गुप्ता ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर 69वीं रैंक हासिल की और आईएएस अफसर का पद हासिल किया।
IAS अक्षिता के पिता पवन गुप्ता, सार्थक मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर 12A, पंचकूला के प्रधानाचार्य हैं जबकि उनकी मां मीना गुप्ता राजकीय सीनियर माध्यमिक विद्यालय, रामगढ़, पंचकुला में गणित की लेक्चरर हैं। मौजूदा समय में अक्षिता का परिवार चंडीगढ़ में रह रहा है।
साल 2018 में अक्षिता गुप्ता को यूपीएससी के एक्जाम की कोई जानकारी नहीं थी लेकिन लगभग तीन साल बाद, उन्होंने अपने पहले ही अटेंप्ट में देश की सबसे कठिन परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 69 हासिल कर अपने सपने को पूरा कर लिया। अक्षिता बताती हैं कि “मैंने अपने ऑप्शनल में अच्छा स्कोर किया क्योंकि मैं हर दिन रिवीजन करती थी, स्मार्ट रिवीजन सबसे बड़ी कुंजी है।' 24 साल की आईएएस अधिकारी अक्षिता कहती हैं, उन्होंने अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट में 500 में से 299 अंक प्राप्त किये थे।
यूपीएससी क्लियर करने से पहले तक अक्षिता गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, चंडीगढ़ में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। अक्षिता बताती हैं कि, 'यह उनका कॉलेज में तीसरा साल था तभी उन्हें एहसास हुआ कि वे चीजों को बड़े परिप्रेक्ष्य से देखना चाहती हैं। यही वजह है कि उन्होंने यूपीएससी सीएसई परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट की पूरी तैयारी खुद से की।' आईएएस अधिकारी अक्षिता हॉस्पिटल में14 घंटे की नौकरी के दौरान और 15 मिनट के ब्रेक के बीच पढ़ाई करती थीं। उसका ध्यान उन सब्जेक्ट को तैयार करने और रिवाइज करने पर था जहां उन्होंने अच्छा स्कोर नहीं किया था।