पुणे स्थित स्टार्टअप एक्टोरियस इनोवेशन एंड रिसर्च को अमेरिकी पेटेंट मिला है। कंपनी ने ऐसा कैप्सूल बनाया है, जो मरीज के कोलोन और रेक्टम तक दवा पहुंचा सकता है।
कंपनी का दावा है कि, उसने प्राकृतिक बहुलक से कैप्सूल का ऐसा खोल बनाया है, जो कैप्सूल के कोलोन और रेक्टम में पहुंचने पर दवा छोड़ना शुरू करता है। कंपनी के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. जयंत खंडारे ने बताया कि, मौजूदा गोलियां या कैप्सूल दवाओं को पेट या आंतों तक तो पहुंचा देते हैं, लेकिन इनसे कोलोन और रेक्टम यानि बड़ी आंत और मलाशय तक दवा नहीं पहुंच पाती है।
डॉ. ने बताया कि इस कैप्सूल के निर्माण में गोलिया बनाने में अपनाई जाने वाली कोटिंग जैसी बोझिल प्रकिया शामिल नहीं है। इस कारण लागत भी कम है। खंडारे ने कहा कि स्टार्ट-अप ने जैव समकक्ष शोध पूरा किया। अमेरिकी पेटेंट मिलने के बाद इस तकनीक पर बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए विचार किया जा रहा है।