देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा 10 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो जाएगी. हालांकि, खास बात यह है कि 10 मई को ही बाबा केदारनाथ धाम और 12 मई को बदरी विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन को खुलेंगे. चारधाम यात्रा की तैयारी में संबंधित विभाग जुटे हुए हैं. मुख्य रूप से यात्रा के दौरान तमाम विभागों की अहम भूमिका होती है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग भी अहम भूमिका निभाता है. चारधाम यात्रा मार्गों पर अन्य राज्यों के इच्छुक डॉक्टर्स भी सेवाएं दे सके, इसके लिए स्वास्थ्य सचिव ने अन्य राज्यों को पत्र लिखा है.चारधाम यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु धामों के दर्शन करने आते हैं. ऐसे में इन सभी श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराए जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग तमाम व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने में जुटा है. ऐसे में इस सीजन चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने कई बड़े निर्णय लिए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिया जा सके. जिसके तहत उत्तराखंड स्वास्थ्य सचिव ने अन्य राज्यों को पत्र लिखा है कि जो डॉक्टर्स (राजकीय मेडिकल कॉलेज के साथ निजी संस्थाओं के डॉक्टर स्वयंसेवी के रूप में चारधाम यात्रा मार्गों पर अपनी सेवा देने का आग्रह किया है.
इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने इस बार चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों में तैनात सरकारी डॉक्टर की तैनाती चारधाम यात्रा पर नहीं करने का निर्णय लिया है. जिसके तहत रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और चमोली जिले में तैनात डॉक्टरों की तैनाती चारधाम यात्रा मार्गों पर नहीं की जाएगी. ताकि, राजकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ जनता को मिल सके. एसएमएस स्वास्थ्य विभाग में निर्णय लिया है कि चार धाम यात्रा मार्गों पर अन्य 10 जिलों में तैनात राजकीय डॉक्टर के साथ ही राजकीय मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की तैनाती चारधाम यात्रा मार्गों पर की जाएगी.