आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान में स्थापित 104 सेमी सम्पूर्णानंद ऑप्टिकल दूरबीन के 50 साल पूरे हाेने पर सोमवार को दो दिवसीय गोल्डन जुबली समारोह का शुभारंभ हो गया। इसका उदघाटन निदेशक प्रो. दीपांकर बनर्जी समेत एरीज के पूर्व विज्ञानियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर ऐतिहासिक दूरबीन की उपलब्धिया पर प्रकाश डाला गया।एरीज गवर्निग काउंसलिंग सदस्य डाॅ. सोमक राय चौधरी ने बताया कि सम्पूर्णानंद दूरबीन ने एरीज को देश दुनिया में पहचान पहचान दिलाई है। इस दूरबीन का शुरुआती चरण खोजों से शुरू हुआ और वर्तमान में भी यह दूरबीन वैज्ञानिकों के लिए बेहद मददगार साबित हो रही है। प्रो. दीपांकर बनर्जी ने कहा कि यूरेनस व शनि ग्रह के छल्लों की खोज से इस दूरबीन के उपयोग की शुरुआत हुई थी और गामा किरणों के विस्फोट का अध्ययन तक की खोज इस दूरबीन के जरिए संभव हो सका है।