देहरादून : पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के बीच एक बार फिर तलवारें खिंच गईं। हरक द्वारा बार बार अपनी घेराबंदी होती पूर्व सीएम ने आज करारा पलटवार करते हुए हरक की निष्ठा पर ही सवाल उठा दिए हैं। विधानसभा चुनाव 2022 में करारी हार के बाद भी कांग्रेस में रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। गुरूवार को सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में हालांकि रावत ने हरक का नाम नहीं लिखा, लेकिन उनका एक एक शब्द हरक पर ही फूट रहा है।उस बैठक को एक रहस्यमय भेंट के रूप में चित्रित करें। वह भेंट भी उस व्यक्ति के साथ हो जिसके ऊपर कांग्रेस पार्टी अधिकारिक रूप से महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या में हाथ बंटाने का आरोप लगा चुकी हो तो बात कुछ चिंता की हो जाती है। मीडिया में कोई बात आए इसीलिए उसे सत्य नहीं माना जा सकरावत ने आगे कहा किता, लेकिन ऐसा होने पर संबंधित को अपनाी बात रखते हुए खंडन तो करना ही चाहिए। रावत ने आगे कहा कि कांग्रेस यह मानकर के चल रही है कि उन्होंने भाजपा और भाजपा की सिद्धांतों में विश्वास नहीं रहने की वजह से भाजपा छोड़ी थी।