भोजन माताओं के दो संगठनों ने मंगलवार को विधानसभा कूच किया। मानदेय बढ़ोतरी व नियमितीकरण की मांग उन्होंने की। भोजनमाताओं का कहना है कि उन्हें हर माह सिर्फ दो हजार रुपये दिए जाते हैं, जिससे गुजारा मुश्किल है।
सीटू से संबद्ध उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष रोशनी बिष्ट व महामंत्री मोनिका ने कहा कि बीते माह शिक्षा मंत्री ने भोजनमाताओं के मानदेय को पांच हजार रुपये करने की घोषणा की थी, पर इसका शासनादेश अभी तक जारी नहीं हुआ है। 18 हजार रुपये न्यूनतम वेतन, प्रदेश में बंद किए जा रहे विद्यालयों पर रोक, मध्याह्न भोजन योजना का निजीकरण न करने, भोजनमाताओं को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बनाने, अतिरिक्त कार्य न लिए जाने, किसी भोजनमाता को न निकालने व निकाली गई भोजनमाता को वापस काम पर लेने, सेवानिवृत्ति पर ग्रेजुएटी व पेंशन का लाभ और बोनस के अविलंब भुगतान की मांग उन्होंने की। प्रदर्शन मे सीटू अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, सचिव लेखराज, सुनीता, रेखा राणा आदि शामिल रहे।