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• Mon, 13 May 2024 11:04 am IST


हाईकोर्ट को गढ़वाल मंडल ले जाने की कवायद मे कर्मचारी संगठनों का विरोध शुरू



कुमाऊं में हाईकोर्ट ही एकमात्र बड़ा संस्थान बचा हुआ है, उसे भी यहां से ले जाने की कोशिश की जा रही है, जबकि राज्य गठन के समय स्पष्ट था कि गढ़वाल में राजधानी रहेगी तो कुमाऊं में हाईकोर्ट। अब इस मामले को लेकर कुमाऊं में विरोध होने लगा है। 
उत्तराखंड हाईकोर्ट को गढ़वाल मंडल ले जाने की कवायद का कर्मचारी संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि गढ़वाल मंडल में सभी बड़े कार्यालय और उनके मुख्यालय हैं। कुमाऊं में स्थित कई निदेशालय का संचालन भी देहरादून से हो रहा है। एकमात्र हाईकोर्ट को भी गढ़वाल मंडल ले जाने पर कुमाऊं की आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी और यहां से पलायन भी बढ़ेगा। हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर विभिन्न संगठनों के प्रदेश पदाधिकारियों का कहना है कि राज्य को दो भागों में नहीं बांटना चाहिए।
हाईकोर्ट कुमाऊं की शान है। हाईकोर्ट शिफ्ट करना कुमाऊं के लोगों को धोखा देना है। राज्य सरकार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में काठगोदाम से नैनीताल रोपवे के लिए बजट भी आवंटन कर चुकी है। नैनीताल अगर ट्रैफिक की समस्या से जूझ रहा है तो काठगोदाम में रोपवे के नजदीक पार्किंग बनाकर नैनीताल में वाहन जाने की समस्या से छुटकारा मिलेगा और हाईकोर्ट नैनीताल में रह सकता है।
कमल पपनै, प्रदेश अध्यक्ष उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन
उत्तराखंड राज्य का उदय अलग पर्वतीय राज्य की परिकल्पना के साथ हुआ था। नैनीताल हाईकोर्ट को रानीबाग में बंद पड़ी एचएमटी फैक्ट्री में स्थानांतरित किया जाना जनहित एवं राज्य हित में रहेगा। हाईकोर्ट गढ़वाल नहीं जाना चाहिए। इससे कुमाऊं की आर्थिक स्थिति भी खराब होगी।