चमोली-आदिबदरी भगवान को नए अनाज का भोग लगाने के लिए लाठी डंडों के प्रतीकात्मक युद्ध व नौठा नृत्य के ग्रामीण और तीर्थयात्री साक्षी बने। इसी के साथ तीन दिवसीय नौठा कौथिग पर्यटन एवं सांस्कृतिक विकास मेला संपन्न हो गया।
रूप कुंड लोक कला मंच देवाल ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी। पंकज सती, भूपेंद्र कुंवर, अरुण खंडूड़ी ने भी गायन से लोगों का मनोरंजन किया। दोपहर एक बजे लाठी डंडों व गाजे-बाजे के साथ नौठा नृत्य दल आदिबदरी पहुंचा। मेला व मंदिर समिति के अध्यक्ष विजयेश नवानी ने नृत्य दल का स्वागत किया। बाद में रंडोली खेती के ग्रामीणों ने लाठी डंडों से ढोल दमाऊं की थाप पर प्रतीकात्मक युद्ध किया। फिर आपस में गले मिलकर भगवान आदिबदरी नाथ को नए अनाज का भोग लगाया।
मुख्य अतिथि अधिनस्थ चयन आयोग के सदस्य डा. प्रकाश थपलियाल ने कहा कि नौठा कौथिक शौर्य व संघर्ष की प्रेरणा देने वाला उत्सव है। इस मेले के प्राचीन स्वरूप को संरक्षित करने की आवश्यकता है।मेला कमेटी के अध्यक्ष विजयेश नवानी ने मेले के सफल आयोजन में सहयोग देने के लिए क्षेत्रीय जनता व मेला आयोजन समिति के सदस्यों का आभार प्रकट किया। उपाध्यक्ष विनोद नेगी ने मेले को भविष्य में और आकर्षक बनाने पर बल दिया। बाजार व मेला प्रांगण में लोगों ने मिठाई, कपड़े, सौंदर्य प्रसाधन व अन्य सामानों की खरीदारी की।