नगर के गांधीनगर वार्ड में भू-धंसाव से 25 से अधिक मकान भवन खतरे की जद में आ गए हैं। यहां भू-धंसाव लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है। बीते जनवरी माह में तहसील प्रशासन की ओर से खतरे को देखते हुए कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शरण दी गई थी, लेकिन अभी तक भी कोई स्थायी व्यवस्था न होने के कारण ग्रामीण अपने क्षतिग्रस्त घरों में लौट आए हैं। प्रभावित परिवारों ने पुनर्वास करने और क्षेत्र में भू-धंसाव का ट्रीटमेंट कराने की मांग की।गांधीनगर वार्ड में कई मकानों में गहरी दरारें पड़ी हुई हैं जिससे कई मकान रहने लायक नहीं रह गए हैं। स्थिति यह है कि कई लोगों की ओर से मकानों की छतों के नीचे बल्लियां लगाई गई हैं ताकि लेंटर न गिर जाए। प्रभावित दीप चंद्र, राकेश, बीना देवी और मंजू का कहना है कि भू-धंसाव का स्थायी समाधान न होने से क्षतिग्रस्त मकानों में रहने को मजबूर हैं। बारिश होने पर रात को अनहोनी का डर सताता है। कई बार तहसील प्रशासन से पुनर्वास की मांग की गई, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं, भू-धंसाव का भी दायरा बढ़ रहा है। कई जगहों पर जमीन से भूस्खलन भी हो रहा है। अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर तक भू-धंसाव हो रहा है। इधर, उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी का कहना है कि प्रभावित क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वेक्षण करवाया गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों में रखा गया था, लेकिन अब वे फिर से अपने घरों को लौट आए हैं।