उत्तराखंड में वन्यजीव मानव संघष की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक काे गुलदार अपना निवाला बना रहे हैं। यहीं नहीं, गुलदार पालतू जानवरों का भी शिकार कर रहे हैं। गुलदार के आतंक से ग्रामीण वन विभाग से गुहार लगाते हैं, लेकिन पिंजरे लगाने के बाद भी गुलदार पकड़ में नहीं आते हैं।
ग्रामीण इलाकों में इन दिनों गुलदार का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। कई स्थानों पर एक से ज्यादा गुलदार सक्रिय हैं। स्थिति यह है, कि इन गुलदारों से निपटने के लिए विभाग के पास संसाधनों की कमी है। वन क्षेत्र में दो-दो पिंजरे भी नहीं है। दरअसल, इन दिनों जिले के नगर समेत ग्रामीण इलाकों में आये दिन गुलदार की धमक से लोग दहशत में हैं।रिहायसी इलाकों में भी गुलदार की धमक से हर कोई भयभीत है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी गुलदार ने दहशत फैलाई है, हालांकि गुलदार के बढ़ते हमलों और आबादी क्षेत्र में धमक के बीच इस साल राहत भरा रहा है। अब तक गुलदार के हमले में कोई भी जनहानि नहीं हुई है। वन विभाग के पास इनसे निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। कई इलाकों में ग्रामीणों की बार-बार मांग के बावजूद पिंजरा नहीं लग पाता है।