देवस्थानम बोर्ड को भंग कर चारधाम यात्रा शुरु करने की मांग को लेकर चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांत कोठियाल ने साकेत तिराहे मुंडन करवाकर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। उन्होंने कहा कि सरकार से मांग की जा रही है, लेकिन इस दिशा में ध्यान नहीं दिया जा रहा है।बद्रीनाथ धाम में विगत 20 दिन से चार धाम यात्रा सुचारू करने की मांग को लेकर बद्रीश संघर्ष समिति के नेतृत्व में क्रमिक अनशन जारी है। जिसमें विगत पांच दिनों से धर्मराज भारती ( मोनी बाबा ) ने आमरण अनशन पर हैं । इसी क्रम में रविवार को चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांत कोठियाल ने कहा कि गत वर्ष भी धाम में सरकार के खिलाफ मुंडन करवाया था, जिसके बाद सरकार की दुर्दशा साफ तौर पर दिखी। कोठियाल का कहना है कि तीर्थ पुरोहित व स्थानीय लोग की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है, जिसे सरकार अनदेखा कर रही है। इस मौके पर बद्रीश संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेश मेहता, मुन्ना लाल टोड़रिया, आलोक मेहता, विनीत पवांर, नवनीत मेहता, प्रभात रतूड़ी, सुबोध मेरठवाल, भूपेंद्र शर्मा, जसवीर मेहता, अरविंद पंच पुरी, अभिषेक ध्यानी आदि मौजूद रहे।देवस्थानम बोर्ड को भंग कर चारधाम यात्रा शुरु करने की मांग को लेकर चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांत कोठियाल ने साकेत तिराहे मुंडन करवाकर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। उन्होंने कहा कि सरकार से मांग की जा रही है, लेकिन इस दिशा में ध्यान नहीं दिया जा रहा है।बद्रीनाथ धाम में विगत 20 दिन से चार धाम यात्रा सुचारू करने की मांग को लेकर बद्रीश संघर्ष समिति के नेतृत्व में क्रमिक अनशन जारी है। जिसमें विगत पांच दिनों से धर्मराज भारती ( मोनी बाबा ) ने आमरण अनशन पर हैं । इसी क्रम में रविवार को चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांत कोठियाल ने कहा कि गत वर्ष भी धाम में सरकार के खिलाफ मुंडन करवाया था, जिसके बाद सरकार की दुर्दशा साफ तौर पर दिखी। कोठियाल का कहना है कि तीर्थ पुरोहित व स्थानीय लोग की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है, जिसे सरकार अनदेखा कर रही है। इस मौके पर बद्रीश संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेश मेहता, मुन्ना लाल टोड़रिया, आलोक मेहता, विनीत पवांर, नवनीत मेहता, प्रभात रतूड़ी, सुबोध मेरठवाल, भूपेंद्र शर्मा, जसवीर मेहता, अरविंद पंच पुरी, अभिषेक ध्यानी आदि मौजूद रहे।