रवाईं क्षेत्र के काश्तकारों को टमाटर की फसल का सही दाम नहीं मिल रहा है, जिससे काश्तकारों ने टमाटर को मंडियों में भेजना बंद कर दिया है। सही दाम न मिलने से काश्तकारों के समक्ष आर्थिक संकट गहरा गया है। काश्तकारों ने क्षेत्र में मंडी समिति स्थापित किए जाने की मांग की है। घाटी के विकासखंड नौगांव, पुरोला व मोरी में सेब के बाद टमाटर दूसरे नंबर की नकदी फसल है। तीनों विकास खंडों में प्रत्येक वर्ष करीब आठ हजार मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन होता है, जिसे दिल्ली, सहारनपुर, देहरादून, रुड़की की मंडियों में बिक्री के लिए भेजा जाता है।