आसमान में पंछियों की तरह उड़ना, पहाड़ों की ऊंचाई को छूना और कलकल बहती नदी के ऊपर किसी पुल पर लटकना। यह सब सुनकर ही मन रोमांच से भर उठता है। गुरुवार को दूनवासी इसी रोमांच से रूबरू हुए। अवसर था, स्वर्णिम विजय वर्ष (1971 युद्ध विजय की 50वीं वर्षगांठ) के उपलक्ष्य में मालदेवता में तीन दिवसीय बीएसएफ पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल के आगाज का।
बीएसएफ इंस्टीट्यूट आफ एडवेंचर एंड एडवांस ट्रेनिंग, डोईवाला और उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल का उद्घाटन पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि बीएसएफ देश का गौरवशाली बल है। साहसिक और अनुशासित होने के साथ ही इसका एक मानवीय चेहरा भी है। बीएसएफ निरंतर सामाजिक सरोकारों से जुड़ी रहती है। केदारनाथ आपदा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि बीएसएफ कर्मियों ने आपदा प्रभावितों की मदद के लिए एक दिन का वेतन तो दिया ही, राहत व पुनर्वास कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने पैराग्लाइडिंग व अन्य साहसिक गतिविधियों को वृहद स्तर पर ले जाने पर जोर दिया।