जीवन में जब मुसीबत आती है तो अपने साथ कुछ अवसर भी लेकर आती है। कुछ लोग अवसर का लाभ उठाकर आगे बढ़ जाते हैं तो वहीं कुछ लोग मुसीबतों से घबराकर पीछे हट जाते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है तेजभान की।तेजभान ने पढ़ाई कम्प्लीट होने के बाद एक दोस्त की मदद से रोजगार सृजन के लिए कुछ करने की योजना बनाई और आज वह न सिर्फ अच्छी कमाई कर रहे हैं बल्कि 12 से अधिक लोगों रोजगार भी दिया है। अपनी मेहनत और लगन के बल पर तेजभान ने अपनी किस्मत बदल दी और लोगों कि लिए प्रेरणास्रोत बन गए। उत्तर प्रदेश के अमेठी के गौरीगंज के रहने वाले तेजभान अभी महज 27 साल के हैं। साल 2016 में बीटेक कंप्लीट करने के बाद वे एक कंपनी में बतौर ऑडिटर डिटर काम करने लगे, लेकिन बाद में नौकरी चली गई। इसके उन्होंने खुद का काम शुरू करने का मन बनाया, लेकिन काफी सर्च करने के बाद भी उन्हें नहीं समझ आ था कि कौन सा बिजनेस शुरू किया जाये।
इसके बाद उन्होंने अपने एक दोस्त से डिसकस किया। दोस्त की सलाह मान कर साल 2017 में गांव में ही छोटे पैमाने पर उन्होंने कपड़े बनाने का काम शुरू किया। शुरआत में उन्हें इस काम में कुछ दिक्कतें आईं, लेकिन फिर काम धीरे-धीरे बढ़ने लगा। इसी बीच 2020 में कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन से धंधा एकदम से ठप हो गया।हालांकि तेजभान दो साल बाद एक बार फिर उठ खड़े हुए और ग्रामोद्योग विभाग की सहायता से वृहद स्तर पर रोजगार स्थापित किया है और अपनी किस्मत बदल ली। तेजभान ने अपना कारोबार बूंद इंटरप्राइजेज के नाम से शुरू किया है।उनके इस इंटरप्राइजेज में शर्ट, पैंट, ट्यूनिंग, स्कर्ट, कोट पैंट, ब्लेजर के साथ सर्दियों के कपड़े और ड्रेस बनाने का काम होता है। उनकी कंपनी में हर दिन सैकड़ों सेट कपड़े तैयार किए जाते हैं और फिर उन्हें स्थानीय बाजारों के साथ-साथ सुल्तानपुर प्रतापगढ़, रायबरेली और बाराबंकी की दुकानों में सेल करने के लिए भेज दिया जाता है।
तेजभान ने बताया कि उन्होंने जब अपना स्टार्टअप शुरू किया था, तो उनसे सामने सबसे बड़ी समस्या थी पैसे की। ऐसे में बिजेनस में फायदा न होने पर कई बार समस्या का सामना करना पड़ता था। पहली बार जब नौकरी छूटी तो घर वाले भी सरकारी नौकरी की चाह रखते थे। ऐसे में घर परिवार से भी उन्हें सहयोग नहीं मिला, लेकिन धीरे-धीरे परिवार वालों ने सहयोग करना शुरू किया और आज पहले से स्थिति काफी बेहतर हो गई है। हम यही चाहते हैं कि आगे भी हमारे रोजगार को गति मिल सके और हम आगे भी वृहद स्तर पर इस रोजगार को शुरू कर सकें, ताकि अन्य लोगों को रोजगार मिल सके। तेजभान ने बताया कि इस समय उन्होंने 12 लोगों को रोजगार दिया है। वहीं, सभी की सैलरी देने के बाद एक महीने में 40 से 50 हजार की बचत हो जाती है।