हरिद्वार- ग्राम पंचायतों के कार्यकाल के लिए अब डेढ़ महीना ही रह गया है। प्रधानों को अब तक 15वें वित्त आयोग की अंतिम किश्त नहीं मिली है। ऐसे में ग्राम प्रधानों की चिंता बढ़ गई है।जनपद में पंचायत के प्रधानों का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त होने जा रहा है। इससे प्रधानों के पास महज डेढ़ माह का समय बचा हुआ है। अभी तक प्रधानों को 15वें वित्त आयोग की अंतिम किश्त नहीं मिली है, जबकि यह लगभग 12 करोड़ रुपये की किश्त दिसंबर में मिल जानी चाहिए थे। इसी तरफ फरवरी और मार्च का भी लगभग दो करोड़ 16 लाख रुपये बजट जारी नहीं किया गया है। जबकि यह भी जनवरी तक जारी हो जाना चाहिए था। उधर, पैसा नहीं मिलने से प्रधान अपने अंतिम समय में पंचायतों में विकास कार्य तेजी के साथ नहीं करा पा रहे हैं। प्रधानों का डर सता रहा है कि यदि मार्च बीतने के बाद 15वें वित्त और राज्य वित्त की अंतिम किश्त आती है तो वह अपने कार्यकाल के बजट में विकास कार्य कैसे करा पाएंगे, क्योंकि कार्यकाल समाप्त होने के बाद उनके वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार समाप्त हो जाएंगे। इसके बाद अप्रैल से प्रशासकों के नियुक्त होने से अफसर अपने हिसाब से कार्य कराएंगे। प्रधानों के कार्यकाल बहुत थोड़ा समय रह गया है। उनके कार्यकाल की निधि नहीं मिलने से वह विकास कार्य नहीं करा पा रहे हैं। जल्द से जल्द पैसा जारी किया जाए, ताकि वह अपने कार्यकाल का बजट खुद लगाकर विकास कार्य करा सकें।
- रूपेश चौहान, जिलाध्यक्ष प्रधान संगठन
15वें वित्त की तीन किश्त और राज्य वित्त का जनवरी तक का बजट पंचायतों में भेजा जा चुका है, उम्मीद की जा रही है कि 15वें वित्त की अंतिम किश्त और राज्य वित्त का शेष पैसा भी जल्द पंचायतों के खातों में भेज दिया जाएगा।
- आरसी त्रिपाठी, डीपीआरओ, हरिद्वार