यद्यपि बच्चों के दूध के दाँत कुछ समय बाद टूट ही जाते हैं लेकिन इसका यह तात्पर्य नहीं है कि उनके दाँतों में सड़न होना ठीक है। बच्चों को शुरू से ही दाँत स्वच्छ रखने का अभ्यास करवाते रहने से उन्हें अपने दाँतों की देखभाल करने का महत्व ज्ञात होगा, उनके मुँह से दुर्गंध आने की संभावना खत्म हो जाएगी और शुरूआती आयु से ही दाँतों में सड़न होने का डर भी नहीं रहेगा।
मुँह की सफाई बचपन से ही शुरू की जा सकती है। आप शुरुआत से बच्चे को हर बार दूध पिलाने के बाद उसके मुँह की सफाई कर सकती हैं। इसके लिए आप उसको एक हाथ में उठाकर दूसरे हाथ द्वारा सैनिटाइज्ड कपड़े से उसका मुँह पोंछें। जब आप बच्चे के मुँह में पहला दाँत देखें तो आप ब्रश करने की शुरुआत कर सकती हैं।
इसके लिए आपको बच्चे के दाँत साफ करने की सही पद्धति को शामिल करने की आवश्यकता होगी। ऐसा करने का सबसे सही तरीका है बच्चे द्वारा ब्रश करते समय उसके साथ खड़े रहकर उसको बताएं। यदि वह बहुत छोटा है तो आप खुद से ही उसके दाँत साफ कर सकती हैं। बच्चे के दाँत साफ करते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें।