रुद्रप्रयाग: उत्तर भारत के एकमात्र कार्तिक स्वामी मंदिर में महायज्ञ का शुभारंभ हो गया है. भगवान कार्तिकेय रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के 362 गांवों के ईष्ट देव हैं. महायज्ञ का पुण्य अर्जित करने के लिए दक्षिण भारत से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय मुरुगन स्वामी नाम से जाने जाते हैं. 15 जून को पूर्णाहुति और प्रसाद वितरण के साथ महायज्ञ का समापन होगा. उत्तर भारत के एकमात्र कार्तिक स्वामी मंदिर में विगत 80 सालों से लगातार महायज्ञ हो रहा है. 14 जून को महायज्ञ में भव्य जल कलश यात्रा का आयोजन किया जायेगा. भगवान कार्तिकेय का मंदिर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. जिला मुख्यालय से रुद्रप्रयाग-पोखरी मोटरमार्ग पर 35 किमी का सफर वाहन से तय करने के बाद कनकचैंरी स्थान से तीन किमी की पैदल दूरी तय करने पर क्रौंच पर्वत पर विराजमान कार्तिक स्वामी के तीर्थ पहुंचा जाता है. कार्तिकेय मन्दिर समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न नेगी ने बताया कि विगत 80 वर्षों से विश्व शांति की कामना और क्षेत्र की सुख समृद्धि को लेकर धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है.