देवाल क्षेत्र में लोक पर्व घी संक्रांति का त्योहार धूमधाम से मनाया गया है। घर-घर में घी में पकपान पकाकर खाए गए और एक चमच घी खाकर पर्व मनाया गया। मान्यता है कि इस पर्व पर हर व्यक्ति को घी खाना जरूरी होता है। जो व्यक्ति घी नहीं खाएगा वह गनेल घेघा बन जाएगा। इसलिए पहाड़ में मनाए जाने वाले इस पर्व में घी खाने की परंपरा है। पंडित शालिक राम मिश्र ने बताया कि घी संक्रांति का त्योहार के बाद पहाड़ में होने वाली फसल का पकना शुरू हो जाता है। फसलों व फलों में भी घी भर जाता है।