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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 26 Feb 2023 11:30 am IST


श्रीलंका, पाकिस्तान के बिगड़े हालात से उत्तराखंड के टमाटर बर्बाद, सड़काें पर उपज फेंकने को मजबूर किसान


उत्तराखंड के हल्द्वानी के टमाटर ने अपने खास रंग और स्वाद के लिए देश के साथ ही विदेशों में भी अपनी खास पहचान बनाई है। एक समय पाकिस्तान से श्रीलंका तक पहुंचने वाले टमाटर को अब किसान सड़कों पर फेंकने को मजबूर हैं। पड़ोसी देशों में निर्यात बंद होने से किसानों को उपज की लागत भी नहीं मिल रही है।

जिले के मैदानी क्षेत्र के तीन हजार से ज्यादा किसान टमाटर की खेती करते हैं। नवंबर से फरवरी माह तक इसकी आवक बाजार में होती है। पूर्व में इस अवधि में देश के अन्य स्थानों पर टमाटर की उपज नहीं होती थी। जिससे हल्द्वानी के टमाटर की बाजार में काफी मांग रहती थी। पाक व श्रीलंका तक यहां का टमाटर निर्यात किया जाता था। मंडी के आंकड़ों के अनुसार हर साल 40 हजार कुंतल के आसपास स्थानीय टमाटर बिक्री के लिए आता है।

इस वर्ष भी अभी तक 42 हजार 780 कुंटल टमाटर किसानों ने मंडी में भेजा है। पांच साल पहले तक 15 से 20 रुपये प्रति किलो थोक में बिकने वाले टमाटर के किसानों को अब 3 से 4 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दाम मिल रहे हैं। जबकि उत्पादन लागत ही करीब छह रुपये प्रति किलो पड़ रही है। भाव नहीं मिलने से किसान टमाटर को खेतों में ही सड़ने को छोड़ दे रहे हैं।