इंसान का कद उसकी लम्बाई से नहीं बल्कि उसकी काबिलियत से बड़ा माना जाता है। ग्राम विकास अधिकारी के रूप में चयनित सोनू के साथ भी कुछ ऐसा ही है। सोनू के माता-पिता कम उम्र में उन्हें छोड़कर दुनिया से चले गए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने लक्ष्य पर डेट रहे। आज इस आर्टिकल में हम बताएंगे 3 फीट के सोनू सेन की सक्सेस स्टोरी के बारे में।
कहते हैं बिना संकल्प के कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है, जो भी व्यक्ति अपने लक्ष्य को साधने के लिए कड़ी मेहनत करता है उसे आज नहीं तो कल सफलता जरूर मिलती है।28 साल के सोनू सेन ने भी यही कर दिखाया है। माता-पिता के निधन के बाद सोनू की परवरिश मामा-मामी ने की। बताया जाता है कि जब सोनू सिर्फ 17 साल के थे तभी उनकी मां का कैंसर की वजह से निधन हो गया जबकि सोनू के पिता कि मृत्यु और पहले हो गई थी।
इतना कुछ होने के बाद भी सोनू ने हिम्मत नहीं हारी और मुकाम हासिल किया। सरकारी नौकरी पाने के लिए सोनू रोजाना 8 घंटे पढ़ते थे। सोनू बताते हैं कि स्कूली पढ़ाई के दौरान यानी जब वे 11वीं में थे तब उनके माता पिता का निधन हो चुका था। ऐसे में कुछ दिन तक उन्हें दूसरों की दुकान पर काम कर अपना गुजर बसर करना पड़ा था। हालांकि मामा – मामी का सहयोग मिलने के बाद सोनू ने कॉलेज में टॉप किया और आज वे सरकारी अधिकारी बन चुके हैं।