नैनीताल। प्रसिद्ध साहित्यकार शैलेश मटियानी की रचनाएं आज भी हिंदी साहित्य में उनकी मौजूदगी का अहसास कराती हैं। कौन जानता था कि कभी मुंबई के फुटपाथ पर जीवन बिताने वाला युवक एक दिन अपनी लेखनी के दम पर ऐसा धमाल मचाएगा कि लोग उसकी लेखनी की प्रशंसा करते नहीं थकेंगे।
शैलेश का जन्म 14 अक्तूबर 1931 को अल्मोड़ा जिले के बाड़ेछीना गांव में हुआ। उनका मूल नाम रमेश चंद्र सिंह मटियानी था। जब वह नौवीं कक्षा में थे तब उन्होंने पहली कविता और कहानी लिखी। तभी से उन्होंने उपनाम के रूप में शैलेश लिखना शुरू कर दिया। वर्ष 1951 में हाईस्कूल पास करने के बाद वह रोजगार की तलाश में इलाहाबाद चले गए।