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Rajesh Sharma
• Wed, 28 Jul 2021 8:19 pm IST


करूणा के सागर हैं भगवान शिव-स्वामी कैलाशानंद गिरी


हरिद्वार। श्रावण मास के चौथे दिन नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में भगवान शिव का देश के विभिन्न प्रांतों से आए दुर्लभ प्रजाति के फूलों से विशेष श्रंगार कर आरती की गई। इस दौरान निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि श्रावण मास में की गई भगवान शिव की आराधना भक्तों को अमोघ फल प्रदान करती है। जो श्रद्धालु भक्त भगवान शिव की विधि विधान से पूजा अर्चना कर जलाभिषेक करते हैं। उनकी सभी मनोकामनाएं देवों के देव महादेव पूर्ण करते हैं। भगवान शिव करुणा के सागर हैं। जो श्रावण मास में अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं। क्योंकि श्रावण मास भगवान शिव की आराधना को समर्पित रहता है और स्वयं शिव को अत्यंत प्रिय है। आचार्य स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की पावन धरा पर श्रावण के पवित्र मास में जो श्रद्धालु भक्त श्रद्धा पूर्वक भगवान की शरण में आ जाते हैं। उनके जन्म जन्मांतर के पापों का शमन हो जाता है और उनका जीवन सदैव उन्नति की ओर अग्रसर रहता है। भगवान शिव सबका उद्धार करते हैं। महादेव की कृपा से श्रद्धालु भक्तों को जिंदगी के हर कदम पर सफलता प्राप्त होती है।  इस दौरान आचार्य पवनदत्त मिश्र, लाल बाबा, पंडित प्रमोद पाण्डे, अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, कृष्णानंद ब्रह्मचारी, मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, समाजसेवी संजय जैन आदि उपस्थित रहे।