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• Fri, 22 Mar 2024 2:24 pm IST


पुंगरघाटी के लोगों ने 200 साल से संजो रखी रंगों की परंपरा


बागेश्वर। बागेश्वर के पुंगरघाटी के लोगों ने 200 साल पुरानी परंपरा को संजो रखा है। पुंगरघाटी के 13 गांवों के लोग एक साथ होली का आयोजन करते हैं। पुंगरघाटी के वरिष्ठ होल्यार जशौद सिंह कालाकोटी बताते हैं कि उनके बुजुर्ग करीब 200 साल पहले मथुरा से होली की चीर लाए थे। तब से पुंगर घाटी के तेरह गांवों के लोग एक साथ होली का आयोजन करते हैं। रंगभरणी एकादशी को नारी गांव के हरज्यू मंदिर से होली गायन की शुरूआत होती है। इसके बाद बारी-बारी से सभी 13 गांवों में होली दल जाकर होली गायन करते हैं। यह सिलसिला होली की छलड़ी तक जारी रहता है।वरिष्ठ होल्यार 80 वर्षीय प्रताप सिंह कालाकोटी बताते हैं कि होली के दौरान तेरह गांवों के सभी घरों में होली गीतों का गायन होता है। होली के दौरान चार गांवों में रात्रि प्रवास किया जाता है। रात्रि प्रवास वाले गांवों में सभी गांवों के लोग एकत्र होते हैं। प्रत्येक गांव के मंदिर में गुड़ की भेली चढ़ाई जाती है। फिर प्रसाद के रूप में गुड़ वितरित किया जाता है। हर गांव में होल्यारों का स्वागत आलू और चाय से किया जाता है।