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• Fri, 26 Mar 2021 1:33 pm IST


टाटा-मिस्त्री विवाद:सुप्रीम कोर्ट ने पलटा NCLAT का आदेश, सुनाया टाटा के हक में फैसला


सुप्रीम कोर्ट ने टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा संस लिमिटेड और शापूरजी पलोनजी ग्रुप के सायरस मिस्त्री के मामले पर आज अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने NCLAT के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि मिस्त्री को टाटा संस को चेयरमैन पद से हटाना कानूनी तौर पर सही। कोर्ट ने यह भी कहा कि शेयरों का मामला टाटा और SP ग्रुप दोनों मिलकर निपटाएं। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया, जिसमें जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम भी शामिल रहे। कोर्ट ने 17 दिसंबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था। दरअसल, टाटा संस ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के 18 दिसंबर, 2019 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें टाटा संस लिमिटेड के चेयरमैन के रूप में सायरस मिस्त्री की बहाली का आदेश दिया था। इस पर 10 जनवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। मिस्त्री टाटा सन्स के सबसे युवा चेयरमैन थे। मिस्त्री परिवार की टाटा सन्स में 18.4% की हिस्सेदारी है। वो टाटा ट्रस्ट के बाद टाटा संस में दूसरे बड़े शेयर होल्डर्स भी हैं। NCLAT ने अपने दिसंबर 2019 के फैसले में कहा था कि 24 अक्टूबर 2016 को टाटा संस की बोर्ड बैठक में चेयरपर्सन के पद से साइयस मिस्त्री को हटाना गैर-कानूनी था। साथ ही यह भी निर्देश दिया था कि रतन टाटा को पहले से कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए, जिसमें टाटा संस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के बहुमत के फैसले या AGM में बहुमत की आवश्यकता होती है।