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• Fri, 12 Apr 2024 4:44 pm IST


25 मई को पांगू से शुरू होगी अस्कोट- आराकोट यात्रा


पिथौरागढ़। प्रत्येक 10 सालों में उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत और ग्रामीण क्षेत्र के हर पहलू, विकास को जानने के लिए निकाली जाने वाली अस्कोट- आराकोट यात्रा 25 मई धारचूला के पांगू से निकाली जाएगी। इस साल यात्रा की 50 वीं वर्षगांठ है। इसको लेकर सभी में उत्साह है और छोटी-छोटी यात्राएं निकालना भी शुरू कर दिया है।वर्ष 1974 में पहाड़ पत्रिका की ओर से यह यात्रा निकाली जाती है। इस बार यह यात्रा उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों की नदियों के किनारे स्रोत से संगम तक होगी। शैक्षिक दखल पिथौरागढ़ के सदस्यों ने यह तय किया है कि सोरघाटी की छोटी छोटी सरिताओं के स्रोतों से संगम तक की यात्राएं की जाएंगी। इसे अपने परंपरागत जल स्रोतों को जानें समझें नाम दिया गया है। यात्रा के दौरान परंपरागत जल स्रोतों से जुड़े ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलुओं को जानने, समझने और उनका दस्तावेजीकरण किया जाएगा। इनसे जुड़े गांवों की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार सहित विविध पक्षों के बारे में भी अध्ययन किया जाएगा।अध्ययन यात्रा में किशोर पाटनी, रमेश जोशी, गिरीश चंद्र पांडे, चिंतामणि जोशी, राजीव जोशी, दीपक कुमार, दिनेश भट्ट, बसंत गिरी, विनोद बसेड़ा, राजेंद्र जोशी, महेश चंद्र पुनेठा शामिल रहेंगे। इस अभियान के तहत यात्रा दल ने केदार पुनेड़ी के निकट से बहने वाली ब्यून गाड़ के आसपास का अध्ययन किया। केदार पुनेड़ी के निवासी शिक्षक गिरीश चंद्र पुनेड़ा ने इस क्षेत्र के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।