काशीपुर में जिस अबोध नवजात को उसके परिजन मरने के लिए छोड़ गए थे, उसे अपनाने के लिए अब तक 50 से अधिक परिवार सरकारी अस्पताल पहुंचे हैं। नवजात (Newborn baby found in Kashipur farm) को अस्पतालकर्मियों के रूप में परिवार के साथ एक प्यारा सा नाम भी मिल गया है। जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य अमित श्रीवास्तव ने देर शाम अस्पताल पहुंचकर बच्चे का हालचाल पूछा। साथ ही बच्चे का नामकरण कर उसे प्रियांश नाम भी दिया। बता दें कि मंगलवार दोपहर ढकिया गुलाबो में प्रमोद कुमार के खेत में एक नवजात पड़ा मिला था। नवजात के मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था। खेत मालिक ने इसकी खबर पुलिस को दी। पुलिस वक्त पर पहुंची और बच्चे की हालत देखी। इसके बाद बिना देर किए हुए पुलिस ने तुरंत डॉक्टर्स के पास बच्चे को ले जाने की सोची। पुलिस की सहायता से नवजात को एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वो तो धन्य हो डॉक्टर राजीव पुनेठा का, जिन्होंने बच्चे को नई जिंदगी दे दी।