Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड में बसपा, सपा जैसे दलों को अपना वजूद बचाने की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में सत्ता पर काबिज हो चुके ये दोनों दल उत्तराखंड में अब जीत तो दूर अपना वोट बैंक तक नहीं बचा पा रहे हैं। बड़े दलों की सेंधमारी से सपा-बसपा को लगातार उत्तराखंड की उन सीटों पर भी हार का मुंह देखना पड़ रहा है जहां कभी इनका अच्छा खासा दबदबा हुआ करता था। 2002 में हुए पहले विस चुनाव में जिस बसपा को 7 सीटों पर जीत मिली थी उसी पार्टी को 2017 में एक भी जीत नसीब नहीं हो सकी। दोनों दलों के वोट बैंक में भी जबरदस्त कमी हुई। अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में 2002 में पहली बार विस चुनाव हुए। इस चुनाव में राष्ट्रीय दल बसपा ने 68 सीटों पर उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा।
जिसमें 7 सीट इकबालपुर, मंगलौर, लंढौरा, बहादराबाद, लालढांग, पंतनगर-गदरपुर और सितारगंज पर बसपा ने जीत दर्ज की। जबकि सपा के सभी 68 उम्मीदवारों को हार का मुंह देखना पड़ा था। 2007 का विस चुनाव बसपा के लिए एक बार फिर बेहतर साबित हुआ। पार्टी के 69 में से आठ उम्मीदवारों को जीत मिली।