उत्तर कोरियाई शासन को बेनकाब करने के लिए अमेरिका अपनी पूरी ताकत झोंकने में लगा है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका किम जोंग की गुप्त गतिविधियों का पता लगाने के लिए 400 करोड़ रुपये तक खर्च करने को तैयार है।
व्यापक वार्षिक रक्षा व्यय पैकेज के हिस्से के रूप में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दिसंबर के अंत में ओटो वार्मबियर काउंटरिंग उत्तर कोरियाई सेंसरशिप और निगरानी अधिनियम पर भी हस्ताक्षर किए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस ऑपरेशन को सहमति देने का मकसद उत्तरकोरिया की सर्वव्यापी सेंसरशिप और उसके नागरिकों की निगरानी का मुकाबला करना है।
इस ऑपरेशन का नाम अमेरिकी छात्र वार्मबियर के नाम पर रखा गया है जिसे 2016 में प्योंगयांग में तोड़फोड़ के आरोप और एक पोस्टर चोरी करने के लिए 15 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। वहीं जेल में उसकी बेरहमी से पिटाई होने से वार्मबियर की 6 दिन बाद ओहियो के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी थी।