हर कोई अपने जीवन में विकास, समृद्धि और स्वस्थ संबंध चाहता है। हालांकि, कई बार, हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, दुख और परेशानियां हमारे जीवन पर छा जाती हैं। वास्तु शास्त्र, वास्तुकला की पारंपरिक भारतीय प्रणाली का कहना है कि इसका कारण हमारे रहने और घर की संरचना के पीछे छिपा हो सकता है। वास्तु प्रकृति के पांच तत्वों को उनकी सही स्थिति में रखने का विज्ञान है। सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए अपने रहने की जगह में वास्तु अपनाना जरूरी है। ये हमारे जीवन में समृद्धि, विकास और खुशी लाने की शक्ति रखता है। इसके लिए कुछ टिप्स अपनाएं।
1. घर के मेन गेट पर तुलसी का पौधा लगाएं। तुलसी के पौधे की पूजा भगवान विष्णु से संबंध होने के कारण और इसके औषधीय गुणों के कारण भी की जाती है। यह आसपास में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। इसे पूर्व दिशा में रखना चाहिए लेकिन इसे उत्तर या उत्तर-पूर्व में खिड़की के पास भी रखा जा सकता है।
2. घर के मेन गेट पर शू स्टैंड खुला न रखें। शू रैक लगाने के लिए आदर्श दिशा पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम कोना है। इसे उत्तर, दक्षिण-पूर्व और पूर्व दिशाओं में न रखें।
3. उत्तर दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए। इससे हमारी नींद और आराम नहीं मिलेगा।
4. उत्तर और पूर्व दिशा में दरवाजे और खिड़कियां दक्षिण और पश्चिम दिशा से बड़ी होनी चाहिए। आपको दक्षिण-पश्चिम दिशा में खिड़कियां रखने से भी बचना चाहिए।
5. दीवार की घड़ियां हमेशा काम करने की स्थिति में होनी चाहिए। इन्हें घर की पूर्व, पश्चिम और उत्तर की दीवार में लगाना चाहिए।
6. दक्षिण और पश्चिम की दीवारों के साथ भारी फर्नीचर रखें, जबकि हल्का फर्नीचर उत्तर और पूर्व की दीवारों के पास रखना चाहिए।