पारे की उछाल के साथ ही उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर पर्वतीय इलाकों में पेयजल किल्लत की समस्या सिर उठाने लगी है। इस दृष्टिकोण से उत्तराखंड जल संस्थान ने प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में करीब नौ सौ बस्तियां (आबादी वाले क्षेत्र) चिह्नित की हैं, जहां पानी का संकट गहरा सकता है।
सरकार ने स्थिति से निबटने के लिए पेयजल महकमे के साथ ही सभी जिलों के जिलाधिकारियों को तत्पर रहने के निर्देश दिए हैं। पेयजल की वैकल्पिक उपलब्धता के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इसके तहत प्रदेशभर में 200 टैंकरों की व्यवस्था की गई है। सड़क सुविधा से अछूते दूरस्थ क्षेत्रों के अभावग्रस्त गांवों में खच्चरों के माध्यम से भी पानी भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं।