डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने नर्सिंग की फार्मासिस्ट संवर्ग से तुलना को अनुचित बताया है। उनका कहना है कि फार्मासिस्टों का कार्यक्षेत्र काफी व्यापक है। ऐसे में वेतन उच्चीकरण के लिए उन्हें फार्मासिस्टों से तुलना करने के बजाय कोई ठोस तर्क रखना चाहिए। एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष एसएल कोठियाल का कहना है कि फार्मासिस्ट औषधीय संबंधी सभी कार्य, इमरजेंसी, वीआईपी, पोस्टमार्टम ड्यूटी के साथ अन्य काम भी करते हैं। सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में जहां चिकित्सक नहीं हैं वहां भी फार्मासिस्ट तैनात हैं। कई किमी पैदल चलकर वह सेवाएं देते हैं। कई जगह चिकित्सक न होने पर फार्मासिस्ट पर ही स्वास्थ्य का जिम्मा होता है। जबकि नर्सिंग संवर्ग का काम सिर्फ वार्डों तक सीमित है और सुगम क्षेत्रों में ही उनकी सेवाएं होती हैं। नर्सिंग एलाउंस और वर्दी भत्ता भी उन्हें मिलता है। जबकि हमें कोई भत्ता नहीं मिलता। हमारा वेतनमान भी उनसे कम है, नर्सिंग संवर्ग में हर पांच साल में पदोन्नति होती है, लेकिन फार्मासिस्टों की 30 से 35 साल बाद पदोन्नति होती है। इसलिए दोनों की तुलना किसी भी तरह से उचित नहीं है।