टिहरी बांध की क्षमता 2400 मेगावाट है। इसमें से एक हजार मेगावाट का टिहरी बांध चार सौ मेगावाट का कोटेश्वर बांध संचालित हैं। टिहरी बांध में पहली जून से 15 जुलाई तक बिजली का उत्पादन बंद रह सकता है। अत टिहरी बांध झील से पानी न छोड़े जाने की स्थिति में पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है।
टिहरी बांध में पहली जून से 15 जुलाई तक बिजली का उत्पादन बंद रह सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन (टीएचडीसी) को पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) के अंतिम चरण का काम करना है। यह काम पहली जून से प्रस्तावित है। इसके लिए टीएचडीसी प्रबंधन ने केंद्र सरकार से टिहरी बांध से पानी न छोड़े जाने की अनुमति मांगी है। हालांकि अभी अनुमति मिली नहीं है।
टिहरी बांध झील से भागीरथी नदी में पानी न छोड़े जाने की स्थिति में जून में नई टिहरी में पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। जल संस्थान भागीरथी नदी से पानी लिफ्ट कर नई टिहरी में सप्लाई करता है। ऐसे में नदी का जलस्तर कम होने पर पेयजल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। हालांकि जल संस्थान का दावा है कि पेयजल संकट नहीं होगा। पानी को गहराई से लिफ्ट किया जाएगा और इसकी आपूर्ति सीमित की जाएगी। जरूरत पड़ने पर टैंकरों से भी पानी पहुंचाया जाएगा।