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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 26 Jul 2022 10:00 am IST


गिरोह बनाकर लीक किया था पेपर, दो आरोपियों ने खुद दी परीक्षा और हुए पास


उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा का पेपर बाकायदा गिरोह बनाकर लीक किया गया था। जयजीत सिंह इसका मास्टर माइंड बताया जा रहा है। उसने ही आयोग के दफ्तर में जाकर परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न अन्य आरोपियों को उपलब्ध कराए थे। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि प्रश्नों के बदले अभ्यर्थियों से 10 से 15 लाख रुपये लिए गए थे। यही नहीं, दो आरोपी मनोज जोशी और गौरव नेगी खुद भी परीक्षा में बैठे और पास हो गए। मेरिट में मनोज का 42वां और गौरव नेगी का 53वां स्थान था। मनोज अल्मोड़ा के लोअर कोर्ट में बाबू है।


एसटीएफ की गिरफ्त में आए सभी छह आरोपी एक-दूसरे के माध्यम से आपस में मिले थे। मनोज जोशी वर्ष 2014 से 2018 तक रायपुर स्थित आयोग के कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। 2018 में विभागीय शिकायत पर उसे हटा दिया गया था। जयजीत दास गोपनीय कार्य करने वाली आउटसोर्स एजेंसी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन इंडिया में कंप्यूटर प्रोग्रामर है। आयोग के कार्य के लिए अक्सर उसका कार्यालय में आना-जाना था। इसी दौरान उसकी मुलाकात बालकिशन जोशी से हुई थी। वहीं, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाला दूसरा आरोपी मनोज जोशी का भी आयोग के कार्यालय परीक्षाओं की जानकारी के संबंध में आना-जाना था। इस कारण उसकी भी दोस्ती मनोज जोशी से हो गई थी। 

वह डालनवाला स्थित डेल्टा डिफेंस कोचिंग इंस्टीट्यूट में परीक्षा की तैयारी करता था। यहां उसकी पहचान कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर कुलबीर सिंह से हुई थी। कुलवीर के माध्यम से उसकी पहचान शूरवीर सिंह और अतर सिंह चौहान से हुई थी। एक और आरोपी गौरव नेगी, जो एक निजी स्कूल में शिक्षक है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है, उसकी मुलाकात भी मनोज जोशी से परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर हुई थी। इसके बाद सभी ने गिरोह बनाकर परीक्षा में गड़बड़ी की योजना बनाई। फिर दोनों मनोज ने कंप्यूटर प्रोग्रामर जयजीत से मुलाकात की और योजना के बारे में बताया। पेपर लीक कराने के लिए तीनों के बीच 60 लाख रुपये में डील हुई। इसके बाद जयजीत ने आयोग के दफ्तर में जाकर परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों का डाटा तैयार कर मनोज जोशी के माध्यम से अन्य आरोपियों को दे दिए।