बागेश्वर- वन पंचायत सरपंचों ने वनों की सुरक्षा के लिए वन पंचायत समितियों को प्रभावशाली बनाने की मांग की। उन्होंने प्रत्येक गांव में जिलाधिकारी के अधीन वनाग्नि सुरक्षा समिति का गठन करने को भी कहा। सरपंच संगठन ने डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजकर सरपंचों की समस्याओं का त्वरित संज्ञान लेने को कहा। वन पंचायत सरपंच संगठन के जिलाध्यक्ष पूरन रावल ने कहा कि वनाग्नि नियंत्रण के लिए वन पंचायतों को क्षेत्रफल के आधार पर सीधे वन पंचायतों के खातों में धनराशि दी जाए। फायर वाचरों को भी मानदेय का भुगतान प्रतिमाह किया जाए। उन्होंने वन पंचायतों को मनरेगा के कार्य करने की स्वीकृति देने, वन पंचायतों में रोजगार के मौकेे उपलब्ध कराने, लोगों को क्षेत्रीय उत्पादों की जानकारी देकर कैंपा योजना के तहत वन पंचायतों से प्रशिक्षण कराने की मांग की। उन्होंने वनाग्नि संकट काल में प्रति रेंजवार अलग सचल दल का गठन करने की मांग की। कहा कि सचल दल लोगों को जागरूक करने के साथ छापामार दस्ते के रूप में कार्य करेंगे। जिससे आग लगाने वालों पर अंकुश लगेगा। इस मौके पर संगठन के संरक्षक रमेश चंद्र तिवारी, शंभू दत्त कांडपाल, मोहन सिंह रावत आदि थे। डीएम ने कहा की वनों में आग लगाने वाले पर दर्ज करें एफआईआर। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने वनों को आग से बचाने के लिए आंदोलन के रूप में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। जिला कार्यालय सभागार में वन अग्नि प्रबंधन समिति की बैठक लेते हुए डीएम ने लोनिवि, पीएमजीएसवाई, एनएच के अधिकारियों को सड़कों की सफाई करने के निर्देश दिए। कहा कि कोई भी शरारती तत्व वनों में आग लगाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाए। उन्होंने डीएफओ बीएस शाही से कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिए उन्हें जो भी उपकरण और सामग्री की आवश्यकता है, उसके लिए प्रस्ताव उपलब्ध करा दें, ताकि उन्हें तत्काल आपदा प्रबंधन मद से धनराशि उपलब्ध कराई जा सके। कहा कि जिन ग्राम पंचायतों के वनों और वन पंचायतों के जंगलों में आग नहीं लगेगी, अथवा आग बुझाने में अपेक्षित सहयोग मिलेगा, वहां के सरपंचों और ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया जाएगा। डीएफओ शाही ने स्लाइड शो के माध्यम से वनाग्नि रोकने के उपायों की जानकारी दी। वनाग्नि रोकने के लिए छह वन रेंजों में 29 क्रू-स्टेशन स्थापित किए गए हैं।