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• Sat, 3 Jul 2021 2:00 pm IST


विवादों से घिरा रहा तीरथ का कार्यकाल


10 मार्च को जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शपथ ली थी तो किसी को भी यह अंदाजा नहीं था कि वे अपने 115 दिन के कार्यकाल में राष्ट्रीय स्तर पर विवादों में आ जाएंगे। सीएम तीरथ के कार्यकाल की शुरुआत विवादित बयानों से हुई। उन्होंने यह कहते हुए विवाद पैदा कर दिया कि महिलाओं का रिप्ड यानी फटी हुई जींस पहनना कैसे संस्कार हैं। देखते ही देखते उनका यह बयान सोशल मीडिया में टॉप ट्रेंड में आ गया। हालांकि बाद में उन्होंने अपनी सफाई भी दी। इसी प्रकार सीएम तीरथ का एक और बयान विवादों में आया जब उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवान राम और कृष्ण का अवतार माना जाएगा। इस बयान पर भी उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। वहीं जब तीरथ सिंह रावत हरिद्वार पहुंचे तो उन्होंने  कहा था कि कुंभ में कोई आरटीपीसीआर जांच नहीं होगी। जिसे आना है जी भरकर कुंभ में आकर स्नान करे। पूर्व सीएम तीरथ ने एक कार्यक्रम के दौरान कह कि अमेरिका ने हम 200 से ज्यादा सालों तक राज किया और इस समय वह संघर्ष कर रहा है। जबकि भारत अमेरिका नहीं बल्कि ब्रिटिश का गुलाम रहा। रामनगर में तीरथ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों  में सरकार द्वारा बांटे गए चावल को लेकर जलन भी होने लगी कि दो सदस्यों वालों को 10 किलो जबकि 20 सदस्य वालों को एक क्विंटल अनाज क्यों दिया गया  उन्होंने कहा की  भैया  इसमें दोष किसका हैए उसने 20 पैदा किए आपने दो किए तो उसको एक क्विंटल मिल रहा है इसमें जलन काहे का। इस तरह जूझते- जूझते 100 दिन की उपलब्धियों का जश्न मनाकर सीएम तीरथ का यह कार्यकाल उत्तराखंड की राजनैतिक इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।