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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 8 Feb 2023 7:00 am IST


16 फरवरी को रखा जाएगा विजया एकादशी व्रत, शत्रुओं पर विजय के साथ सभी क्षेत्रों में मिलती है सफलता


वैदिक शास्त्रों में एकादशी तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि मान्यता है कि एकादशी व्रत रखने वाले व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी संकट टल जाते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास में 16 फरवरी को विजया एकादशी व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि एकादशी भगवान विष्णु के अंश हैं, इसलिए इस दिन श्रीहरि की विशेष पूजा का विधान है। आइए जानते हैं विजया एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व।

शुभ मुहूर्त 
पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी व्रत रखा जाएगा। फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 16 फरवरी प्रातःकाल 4 बजकर 02 मिनट से प्रारंभ होगी और इसका समापन 17 फरवरी को मध्यरात्रि के बाद 01 बजकर 19 मिनट पर हो जाएगा। इस दिन गोधूलि मुहूर्त प्रातः 06 बजकर 45 मिनट से सुबह 07 बजकर 08 मिनट तक है। साथ ही व्रत पारण का समय 17 फरवरी को प्रातः 06 बजकर 31 मिनट से सुबह 08 बजकर 35 मिनट के बीच रहेगा।

महत्व 
शास्त्रों में बताया गया है कि जो साधक एकादशी व्रत का पालन करता है, वह जीवन में लाभ प्राप्त करता है। साथ ही विजया एकादशी व्रत रखने से नाम के अनुरूप सभी शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है। एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है और सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है।