22 गांवों की आराध्य देवी मां चंडिका दशजूला महड की दिवारा यात्रा मंगलवार को खोलाई शिव मंदिर उडामांडा से पोखरी, कनकचौरी होते हुए क्रोंच पर्वत पर स्थित कार्तिक स्वामी मंदिर में पहुंची। यहां पर मां पुत्र का अद्भुत मिलन हुआ। देवी के बीर क्षेत्रपाल ने कार्तिक स्वामी से धियाणी मिलन की अनुमति मांगी। इसके बाद रात्रि विश्राम के लिए दिवारा यात्रा पोगठा गांव पहुंची।
दिवारा यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीणों और धियाणियों ने पहुंचकर मां चंडिका को साढ़े चढ़ाए और भेंट अर्पित कर आशीष मांगा। मां चंडिका ने भक्तों व धियाणियों की कुशलक्षेम पूछकर उन्हें आशीष दिया। धियाणियां भी अपने गांव में पहुंचने पर अपनी आराध्य देवी मां चंडिका का गर्मजोशी से स्वागत कर भेंट चढ़ाकर पूजा-अर्चना कर मनौतियां मांग रही हैं। कमेटी के अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि 15 अक्टूबर को देवी देवरा यात्रा के लिए मंदिर से बाहर आई और उसके बाद देवी अपने मायके आगर- जवाडी गई और तत्पश्चात 22 गांवों का भ्रमण कर भक्तों के साथ रथ यात्रा के साथ कार्तिक स्वामी पहुंची। पोगठा गांव के ग्रामीणों ने मां चंडिका का गांव पहुंचने पर भव्य स्वागत किया।
ग्रामीणों ने रात्रि में भजन कीर्तन कर मां से मनौतियां पूरी होने के लिए आशीर्वाद मांगा। वहीं बुधवार को मां ने गांव का भ्रमण कर ग्रामीणों को आशीष दिया और रौता गांव के लिए प्रस्थान किया। मां चंडिका की अगवानी के लिए रौता के ग्रामीण बड़ी संख्या में आधे रास्ते तक पहुंचे और गांजे बाजे के साथ मां चंडिका को अपने गांव में ले गए। इस अवसर पर दिवारा यात्रा के मार्ग दर्शक ललिता प्रसाद पुरोहित, दिवारा यात्रा समिति के अध्यक्ष धीर सिंह बिष्ट, सचिव देवेंद्र सिंह जग्गी, कोषाध्यक्ष जगदीश सिंह भंडारी, प्रबंधक हीरा सिंह नेगी, विक्रम नेगी, विनोद नेगी, अनूप नेगी, सत्येंद्र सिंह नेगी, लक्ष्मण नेगी, राजदर्शन सिंह नेगी, हरीश खाली, रौता के प्रधान बीरेंद्र सिंह राणा, शिवराज पंवार, सुभाष सिंह रावत, भरत खत्री सहित तमाम लोग मौजूद थे।