सुप्रीम कोर्ट ने पति-पत्नी के रिश्तों को खत्म करने को लेकर बड़ी टिप्पणी की। वरिष्ठ अदालत ने कहा कि, अगर रिश्तों में आई दरार खत्म नहीं हो रही है तो ऐसे साथ रहने का कोई मतलब नहीं है।
टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, जीवनसाथियों के बीच आई दरार नहीं भर पाने के आधार पर किसी शादी को 6 महीने पहले भी खत्म किया जा सकता है। जज एस के कौल की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत पूरा न्याय करने का अधिकार है।
इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि, वो अनुच्छेद 143 के तहत विशेष शक्ति का प्रयोग करके पति-पत्नी की आपसी सहमति से उनकी शादी को खत्म किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि इस अदालत के लिए हमने ऐसी व्यवस्था दी है कि किसी शादीशुदा रिश्ते में आई दरार भर नहीं पाने के आधार पर उसे खत्म कर सकते हैं। गौरतलब है कि, कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत उसके अधिकारों के प्रयोग से संबंधित कई याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया है।